Rajasthan NPS to OPS : राजस्थान में ओपीएस धरातल पर उतरने से पहले ही अधर में लटकी

राजस्थान में ओपीएस धरातल पर उतरने से पहले ही अधर में लटकी 

PFRDA में जमा राशि को निकाल कर NPS कर्मचारियों के GPF खाते में ट्रांसफर करना चाहती थी सरकार लेकिन PFRDA ने राशि देनें से इंकार कर दिया है और बताया कि लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है।'


दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार :- PFRDA का जवाब : 'पीएफआरडीए एक्ट 2013 व पीएफआरडीए रेग्यूलेशन 2015 में एनपीएस योजना के तहत राज्यांश व कर्मचारी के अंश की जमा राशि को राज्य सरकार की रेवेन्यू रिसीट में लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है।'

एनपीएस के मौजूदा में में राशि निकालने के 3 विकल्प है 

पहला-वीआरएस लेने पर : ऐसे में 80% राशि फिर फंड में
रिइनवेस्ट करनी होती है तथा 20% कर्मचारी को मिलेगी |

दूसरा-रिटायरमेंट पर : ऐसे में 40% राशि फंड में रिइनवेस्ट करनी होती है, जिसकी कर्मचारी को पेंशन मिलेगी तथा 60% एकमुश्त राशि से सरकार टैक्स काटकर कर्मचारी को देगी |

तीसरा-कर्मचारी की मृत्यु होने पर: ऐसे में परिजनों को फंड में जमा पूरी राशि मिल जाती है।


सरकार GPF कटौती की गाइडलाइन और पेंशन नियम जारी क्यों नहीं कर रही ?

इतनी जल्दी पैसे मिलने संभव नहीं है यह सरकार को भी पता है, क्योंकि NPS के एक्ट में राज्य सरकारों के लिए NPS ज्वॉइन करना स्वैच्छिक है लेकिन एग्जिट करने की कोई प्रक्रिया नहीं है, साथ ही कटौती की गई राशि PFRDA एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को देता है, जैसे एसबीआई, एचडीएफसी, यूटीआई, इनके फंड मैनेजर उस राशि को सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड और इक्विटी में इन्वेस्ट करते हैं, इक्विटी को तो फंड मैनेजर कभी भी बेच सकते हैं, लेकिन बॉन्ड 10 साल, 20 साल या 30 साल तक की अवधि के होते हैं, ऐसे में सारा पैसा एक साथ नहीं मिल सकता, इस हेतु सरकार को केंद्र सरकार पर दवाब बनाना पड़ेगा और इंतजार भी करना पड़ेगा, तब तक कर्मचारियों के लिए पेंशन नियम जारी किए जाएं ताकि कर्मचारी निश्चिंत होकर अपना कार्य कर सकें। ऐसे अधरझूल में मामला रखने से कर्मचारियों की न GPF कटौती हो रही है और न राज्य सरकार की तरफ से 10% अंशदान मिल रहा है।



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